कोरोना काल में भारत

देश में मातम था छाया,
खुशियाँ थी घर में कैद हुई,
बेघर हुए थे मजदूर सभी। 
चौकंने थे आमिर अभी, 
भगवान के घर थे बंद सभी। 
अस्पतालों में थी कतारें लगी, 
भूल गए मन्दिरों को भी, 
पूजे जाने लगे डॉ. सभी। 

                                       शिवानी 

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